उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड ने कहा कि मानवाधिकारों के प्रसार और सशक्तिकरण के लिए देश में बुनियादी ढांचे का व्यापक विकास आवश्यक है। आज नई दिल्ली में भारत मंडपम में मानवाधिकार दिवस पर उन्होंने कहा कि मानवाधिकार का विकास उसी समाज में होता है जहां सबके लिए कानून और न्याय एक समान हो। श्री धनखड ने कहा कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है और मौजूदा व्यवस्था में कानून ही सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेह शासन मौजूदा सरकार की कार्यशैली का हिस्सा है और इससे मानवाधिकारों को बढ़ावा मिला है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय मावनाधिकार आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरूण कुमार मिश्रा ने कहा कि पूरी दुनिया में आतंकवाद के कारण नागरिकों के मानवाधिकारों का गंभीर हनन हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि इंटरनेट उपयोगी तो है लेकिन इसके नकारात्मक पक्ष भी हैं।