नई दिल्ली, 8 फ़रवरी । राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों और तकनीकी समिति के सदस्यों के साथ 21वीं पशुधन गणना के लिए बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता पशुपालन एवं डेयरी विभाग की सचिव अलका उपाध्याय ने की। बैठक का उद्देश्य 21वीं पशुधन गणना के लिए राज्य व केंद्रशासित प्रदेशों के साथ-साथ पशुपालन और डेयरी विभाग की तैयारियों पर चर्चा और आकलन करना है।
इस अवसर पर पशुपालन एवं डेयरी विभाग की अपर सचिव वर्षा जोशी, पशुपालन आयुक्त सह टीसीडी अध्यक्ष डॉ. अभिजीत मित्रा, पशुपालन एवं मत्स्यपालन विभाग के सलाहकार (सांख्यिकी) जगत हजारिका और केंद्र तथा राज्य सरकारों के प्रमुख सचिव, सचिव, आयुक्त, निदेशक और अन्य वरिष्ठ सदस्यों सहित एनएडी-एमओएसपीआई, पंचायती राज मंत्रालय के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
एक सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत पशुपालन और डेयरी विभाग पशुपालन सांख्यिकी तैयार करने के लिए 1919 से हर पांच साल में देश भर में पशुधन गणना आयोजित करता है। 20वीं पशुधन गणना 2019 में आयोजित की गई थी। 21वीं पशुधन गणना 2024 में होने वाली है। इसके तहत सितंबर-दिसंबर 2024 की अवधि के दौरान मोबाइल प्रौद्योगिकी के उपयोग तथा डेटा को ऑनलाइन प्रसारित करने के साथ राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों की भागीदारी में आयोजित की जाएगी।
यह गणना सभी गांवों और शहरी वार्डों में की जाएगी। यह गणना पशुओं की विभिन्न प्रजातियों (मवेशी, भैंस, मिथुन, याक, भेड़, बकरी, सूअर, घोड़ा, टट्टू, खच्चर, गधा, ऊंट, कुत्ता, खरगोश और हाथी) तथा पोल्ट्री पक्षियों (मुर्गी, बत्तख और अन्य पोल्ट्री पक्षी) से सम्बंधित है। ये सभी पशु-पक्षी घरों, घरेलू उद्यमों और गैर-घरेलू उद्यमों द्वारा पाले जाते हैं। इसके तहत इन विशेष स्थानों पर रखे जाने वाले पशु-पक्षियों की नस्लों, उनकी उम्र तथा उनके लिंग के आधार गणना की जाएगी।