महात्मा टाल्स्टाय एक बार बहुत साधारण से कपड़े पहने स्टेशन के प्लेटफोर्म पर धूम रहे थे | एक स्त्री ने उन्हें कुली समझा और बुलाकर कहा,’’ये पत्र लेकर सामने के होटल में मेरे पति को दे आओ | मैं तुन्हें दो रूबल दूँगी !’’
टाल्स्टाय का परिचय प्राप्तकर वह महिला बेहद लज्जित हुई और उसने क्षमा माँगते हुए अपने रूबल वापस माँगे |
इस पर टाल्स्टाय हँसते हुए बोले, ‘’देवीजी, क्षमा करना तो परमात्मा का काम है | मैंने काम करके पैसे लिए हैं | अपनी मेहनत की कमाई क्यों लौटाऊँ ?’’