21 मार्च को वैश्विक स्तर पर मनाया जाने वाला वानिकी दिवस पेड़ पौधों को संरक्षित करने के लिए समर्पित है | इस दिन सभी लोगों को वनों और पेड़ पौधों के महत्व के बारे में बताया और अनेक कार्यक्रम के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता उत्पन्न किया जाता है | उन्हें पेड़ों को काटने से रोकने और नए पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया जाता है।
विश्व वानिकी दिवस 2024 की थीम
प्रतिवर्ष विश्व वानिकी दिवस एक नई थीम के साथ मनाया जाता है। पिछले वर्ष साल 2023 में “वन और स्वास्थ्य” था। इस साल विश्व वानिकी दिवस की थीम फॉरेस्ट एंड इनोवेशन (Forest and Innovation) रखी गई है। इसका हिंदी अर्थ है “वन एवं नवाचार।”
विश्व वानिकी दिवस का इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय वानिकी अनुसंधान केंद्र (CIFOR) ने 2012 में छह वन दिवस शुरू किए | पहला वन दिवस 2007 में संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) में बाली, इंडोनेशिया में आयोजित किया गया था | दूसरा वन दिवस 2008 में पोलैंड में आयोजित किया गया था | इसमें 900 से अधिक प्रतिभागियों ने जलवायु परिवर्तन पर चर्चा की थी | तीसरा वन दिवस डेनमार्क के कोपेनहेगन में आयोजित किया गया | इस बार हितधारकों की संख्या 1500 थी जिसमें 500 गैर सरकारी संगठन के सदस्य शामिल थे | चौथा वन दिवस मेक्सिको के कैनकन में आयोजित किया गया | विषय को ‘कार्य करने का समय’ चुना गया था | पांचवां आयोजन डरबन, दक्षिण अफ्रीका में हुआ जिसमें 80 देशों के 1000 से अधिक लोगों ने भाग लिया | छठा वन दिवस 2012 में दोहा, कतर में आयोजित किया गया था | अनुकूलन और मरुस्थलीकरण के लिए वित्तपोषण जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई थी | छह अंतर्राष्ट्रीय वन दिवसों के बाद 2012 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस या विश्व वानिकी दिवस घोषित किया गया |
अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस मनाने का मूल उद्देश्य लोगों को पेड़ों के महत्व के बारे में बताना है। दुनिया आजकल जिस सबसे नाजुक दौर से गुजर रही है वह जलवायु परिवर्तन के रूप में एक जटिलता है। ओजोन का अनुपात खतरनाक स्तर तक कम हो गया है जबकि इसके पीछे एकमात्र कारण पृथ्वी पर मानवीय गतिविधियों के परिणामस्वरूप प्रदूषण है। वैकल्पिक साधन होने के बावजूद, ऑक्सीजन के ये उत्पादक और प्रदाता बुरी तरह प्रभावित हैं और औद्योगिक और घरेलू उपयोग के लिए विस्थापित हो रहे हैं। तापमान में खतरनाक वृद्धि और मौसमी चक्र में प्रतिकूलता हमारे ग्रह पर कमजोर विनाश और जीवन की गिरावट का एक स्पष्ट संकेत है। संयुक्त राष्ट्र के अनुपालन के अन्य उद्देश्यों में, इस समय जलवायु परिवर्तन से निपटना प्रारंभिक श्रेणियों में आता है और यही इस दिन को अधिक जुनून, उत्साह और दृढ़ संकल्प के साथ मनाने का प्रतीक है। इस दिन का उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति से आग्रह करना है कि वह अपनी ओर से इस ग्रह को सुरक्षित करने में अपना योगदान दे।