देश चाणक्य नीति :- श्रेष्ठता को बचाएं Lok Swaraj24 April 3, 2024 1 min read Spread the loveत्यजेदेकं कुलस्यार्थे ग्रामस्यार्थे कुलं त्यजेत| ग्रामं जनपदस्यार्थे आत्मार्थे पृथिवीं त्यजेत || आचार्य चाणक्य यहां क्रम से श्रेष्ठता को प्रतिपादित करते हुए कहते हैं कि व्यक्ति को चाहिए कि कुल के लिए एक व्यक्ति को त्याग दें| ग्राम के लिए कुल को त्याग देना चाहिए| राज्य की रक्षा के लिए ग्राम को तथा आत्मरक्षा के लिए संसार को भी त्याग देना चाहिए| आशय यह है कि यदि किसी एक व्यक्ति को त्याग देने से पूरे कुल-खानदान का भला हो रहा हो, तो उस व्यक्ति को त्याग देने में कोई बुराई नहीं है| यदि कुल को त्यागने से गाँव भर का भला होता है, तो कुल को भी त्याग देना चाहिए| इसी प्रकार यदि गाँव को त्यागने पर देश का भला हो, तो गाँव को भी त्याग देना चाहिए| किन्तु अपना जीवन सबसे बड़ा है | यदि अपनी रक्षा के लिए सारे संसार का भी त्याग करना पड़े, तो संसार का त्याग कर देना चाहिए| जान है, तो जहान है | यही उत्तम कर्तव्य है | Continue Reading Previous: अमित शाह की आज दोपहर उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर के शाहपुर में जनसभाNext: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आज राज्यसभा से रिटायर Related Stories बिहार की विशेष निगरानी इकाई ने मारा छापा, नोटों के बंडल मिले 1 min read देश बिहार की विशेष निगरानी इकाई ने मारा छापा, नोटों के बंडल मिले January 23, 2025 आईएनएस सर्वेक्षक का मॉरीशस में हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण पूरा, राष्ट्रपति को सौंपा समुद्री चार्ट 1 min read FEATURED देश आईएनएस सर्वेक्षक का मॉरीशस में हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण पूरा, राष्ट्रपति को सौंपा समुद्री चार्ट January 23, 2025 रक्षा मंत्रालय ने रद्द किया एलएंडटी का टेंडर, अब जर्मनी की कंपनी बनाएगी छह पनडुब्बियां 1 min read देश रक्षा मंत्रालय ने रद्द किया एलएंडटी का टेंडर, अब जर्मनी की कंपनी बनाएगी छह पनडुब्बियां January 23, 2025