- 10 अप्रैल 1824 बलिदानी वीर राम सिंह पठानिया का जन्म
- चौबीस साल की आयु में बलिदान
इससे बौखलाये अंग्रेज ने क्रान्तिकारियो में विश्वासघाती खोजे जो उन्हे आसानी से मिल गये । विश्वासघातियों की सूचना पर अंग्रेजों ने वीर राम सिंह को उस समय गिरफ्तार किया वे पूजन में बैठे थे । बंदी बनाकर उन्हें पहले उन्हे कांगड़ा किले में रखा गया फिर रंगून जेल में भेज दिया । जहाँ घोर यातनाएं दी गईं। उनसे सहायता देने वाले सूत्र पूछे गये पर उन्होंने किसी का नाम नहीं बताया । अंततः रंगून जेल की यातनाएं सहते हुए उन्होंने 11 नवंबर, 1849 को मात्र 24 वर्ष की आयु में उनके प्राणों का बलिदान हो गया ।
लेखक – रमेश शर्मा