देश चैत्र नवरात्र का तीसरा दिन:- मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना Lok Swaraj24 April 11, 2024 1 min read Spread the love नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा का विधान है. मां चंद्रघंटा सिंह की सवारी करती हैं | देवी चंद्रघंटा का स्वरूप परम शान्तिदायक और कल्याणकारी हैं। बाघ पर सवार मं चंद्रघंटा के शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला हैं। इनके मस्तक में घंटे के आकार का अर्धचंद्र विराजमान हैं, इसलिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। 10 भुजाओं वाली देवी के हर हाथ में अलग-अलग शस्त्र विभूषित हैं। इनके गले में सफ़ेद फूलों की माला सुशोभित रहती हैं। इनकी मुद्रा युद्ध के लिए उद्धत रहने वाली होती है। इनके घंटे की सी भयानक ध्वनि से अत्याचारी दानव- दैत्य-राक्षस सदैव प्रकम्पित रहते हैं। दुष्टों का दमन और विनाश करने में सदैव तत्पर रहने के बाद भी इनका स्वरूप दर्शक और आराधक के लिए अत्यंत सौम्यता और शांति से परिपूर्ण रहता है। अतः भक्तों के कष्टों का निवारण ये शीघ्र ही कर देती हैं। इनका वाहन सिंह है। इनका उपासक सिंह की तरह पराक्रमी और निर्भय हो जाता है। इनके घंटे की ध्वनि सदा अपने भक्तों की प्रेत-बाधादि से रक्षा करती है। इनका ध्यान करते ही शरणागत की रक्षा के लिए इस घंटे की ध्वनि निनादित हो उठती है। मां चंद्रघंटा के भक्त और उपासक जहां भी जाते हैं लोग उन्हें देखकर शांति का अनुभव करते हैं। ऐसे साधक के शरीर से दिव्य प्रकाश युक्त परमाणुओं का अदृश्य विकिरण होता है। मां चंद्रघंटा की पूजा का महत्व इनकी आराधना से साधकों को चिरायु,आरोग्य, सुखी और संपन्न होने का वरदान प्राप्त होता हैं। मां चंद्रघंटा की कृपा से साधक के समस्त पाप और बाधाएं नष्ट हो जाती हैं । इनकी आराधना से प्राप्त होने वाला एक बहुत बड़ा सद्गुण यह भी है कि साधक में वीरता-निर्भयता के साथ ही सौम्यता और विनम्रता का भी विकास होता हैं। उसके मुख, नेत्र तथा सम्पूर्ण काया में कांति वृद्धि होती है एवं स्वर में दिव्य-अलौकिक माधुर्य का समावेश हो जाता है। क्रोधी, छोटी-छोटी बातों से विचलित हो जाने, तनाव लेने वाले और पित्त प्रकृति के लोग मां चंद्रघंटा की भक्ति करें। मां को शुद्ध जल और पंचामृत से स्नान करायें। अलग-अलग तरह के फूल, अक्षत, कुमकुम, सिन्दूर, अर्पित करें। केसर-दूध से बनी मिठाइयों या खीर का भोग लगाएं। मां को सफेद कमल, लाल गुडहल और गुलाब की माला अर्पण करें और प्रार्थना करते हुए मंत्र जप करें। इस तरह मां चंद्रघंटा की पूजा करने से साहस के साथ सौम्यता और विनम्रता में वृद्धि होती है। Continue Reading Previous: प्रधानमंत्री मोदी आज उत्तराखंड और राजस्थान में भाजपा की जनसभा को संबोधित करेंगेNext: 11 अप्रैल विशेष – ” हिंदू धर्म के रक्षणार्थ अडिग रहे महात्मा जोतिबा फुले “ Related Stories बिहार की विशेष निगरानी इकाई ने मारा छापा, नोटों के बंडल मिले 1 min read देश बिहार की विशेष निगरानी इकाई ने मारा छापा, नोटों के बंडल मिले January 23, 2025 आईएनएस सर्वेक्षक का मॉरीशस में हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण पूरा, राष्ट्रपति को सौंपा समुद्री चार्ट 1 min read FEATURED देश आईएनएस सर्वेक्षक का मॉरीशस में हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण पूरा, राष्ट्रपति को सौंपा समुद्री चार्ट January 23, 2025 रक्षा मंत्रालय ने रद्द किया एलएंडटी का टेंडर, अब जर्मनी की कंपनी बनाएगी छह पनडुब्बियां 1 min read देश रक्षा मंत्रालय ने रद्द किया एलएंडटी का टेंडर, अब जर्मनी की कंपनी बनाएगी छह पनडुब्बियां January 23, 2025