पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले के संदेशखाली में जमीन हड़पने के शिकार हुए लोगों के लिए CBI ने मेल ID-sandeshkhali@cbi.gov.in बनाई है। जांच एजेंसी ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेशों के बाद मेल ID बनाई है।
CBI के अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि जमीन गंवाने वाले पीड़ित इस मेल ID पर अपनी शिकायत भेजेंगे। शिकायतों के आधार पर केस दर्ज किया जाएगा। डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से लोगों के बीच मेल ID के प्रचार-प्रसार करने की अपील की गई है।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को संदेशखाली मामले की जांच CBI को सौंपी थी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि CBI उनकी निगरानी में जांच करेगी और उन्हें रिपोर्ट सौंपेगी। मामले की अगली सुनवाई अब 2 मई को होगी।
संदेशखाली की महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं पर कथित रूप से यौन उत्पीड़न और जबरन जमीन कब्जे का आरोप लगाया है। मामले में शाहजहां शेख, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार आरोपी हैं। तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब राज्य की ममता बनर्जी सरकार CBI जांच पर रोक नहीं लगा पाएगी। दरअसल, राज्य से जुड़े किसी भी मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी CBI की इन्क्वायरी के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होती है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने 16 नवंबर, 2018 को राज्य में जांच और छापेमारी करने के लिए CBI को दी गई ‘सामान्य सहमति’ वापस ले ली थी। उस समय चिटफंड घोटाले को लेकर ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया था।
CBI को केस कैसे मिलता है
दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के सेक्शन 2 के तहत सीबीआई सिर्फ केंद्र शासित प्रदेशों में सेक्शन 3 के तहत अपराधों पर खुद से जांच शुरू कर सकती है। राज्यों में जांच शुरू करने से पहले सीबीआई को सेक्शन 6 के तहत राज्य सरकार से इजाजत लेना जरूरी है।
CBI को 4 तरह से केस दिया जा सकता है
केंद्र सरकार खुद सीबीआई जांच का आदेश दे।
हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट सीबीआई को जांच के आदेश दे।
राज्य सरकार केंद्र सरकार से सीबीआई जांच की सिफारिश करे।
किसी केस को लेकर पब्लिक की डिमांड हो। इस केस को भी सरकार ही तय करती है।
4 अप्रैल को कोर्ट ने कहा था- संदेशखाली का 1% सच भी शर्मनाक
इससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट ने 4 अप्रैल को कहा था कि संदेशखाली का 1% सच भी शर्मनाक है। कोर्ट ने कहा था कि पूरा प्रशासन और सत्ताधारी पार्टी इसके लिए नैतिक तौर पर 100% जिम्मेदार है। यह लोगों की सुरक्षा का मामला है।
संदेशखाली में शेख शाहजहां और उसके दो साथियों शिबू हाजरा और उत्तम सरदार पर आरोप है कि वे महिलाओं का लंबे समय से गैंगरेप कर रहे थे। इस केस में शिबू हाजरा, उत्तम सरदार, शाहजहां समेत 18 लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।
शाहजहां शेख TMC का डिस्ट्रिक्ट लेवल का नेता रहा है। राशन घोटाले में ED ने 5 जनवरी को उसके घर पर रेड की थी। तब उसके 200 से ज्यादा सपोर्टर्स ने टीम पर अटैक कर दिया था। अफसरों को जान बचाकर भागना पड़ा। उसके बाद शाहजहां फरार हो गया था। उसे 55 दिन बाद पकड़ा गया था।
आरोपी शाहजहां शेख संदेशखाली में कहां से आया, ये कोई नहीं जानता। 2000-2001 में वो मत्स्य केंद्र में मजदूर था। वह भी सब्जी भी बेचता था। फिर ईंट-भट्ठे पर काम करने लगा। यहीं उसने मजदूरों की यूनियन बनाई। फिर सीपीएम से जुड़ा।
सिंगूर और नंदीग्राम आंदोलन में वामदलों की जमीन खिसकी तो 2012 में शाहजहां तृणमूल कांग्रेस के तत्कालीन महासचिव मुकुल रॉय और उत्तर 24 परगना जिले के ताकतवर नेता ज्योतिप्रिय मलिक के सहारे पार्टी से जुड़ गया। संदेशखाली के लोगों के मुताबिक, शाहजहां के पास सैकड़ों मछली पालन केंद्र, ईंट भट्ठे, सैकड़ों एकड़ जमीन हैं। वो 2 से 4 हजार करोड़ की संपत्ति का मालिक है।
संदेशखाली केस को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने 20 फरवरी को बंगाल सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा- शुरुआती तौर पर ये साफ है कि टीएमसी नेता शाहजहां ने लोगों को नुकसान पहुंचाया। जिस शाहजहां पर रेप और जमीन हड़पने के आरोप हैं, ऐसा लगता है कि वो पुलिस की पहुंच से बाहर है।
पश्चिम बंगाल में कोरोना के दौरान कथित तौर पर हुए हजारों करोड़ रुपए के राशन घोटाले में ED ने 5 जनवरी को राज्य में 15 ठिकानों पर छापा मारा था। टीम नॉर्थ 24 परगना जिले के संदेशखाली गांव में शेख शाहजहां और शंकर अध्य के घर भी रेड डालने गई थी। इस दौरान उन पर TMC समर्थकों ने जानलेवा हमला किया था। इसमें तीन अधिकारी घायल हो गए थे।