जब से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की चर्चा तेज हुई है, तब से यह सवाल उठ रहा है कि इंसानों की नौकरियों और कामकाज का भविष्य क्या होगा। इस पर टाटा टेलीकम्युनिकेशंस ने एक अहम बयान दिया है।
क्या AI इंसानों की जगह ले लेगा?
AI टूल्स जैसे ChatGPT और Google Gemini की बढ़ती लोकप्रियता ने इस बहस को और तेज कर दिया है कि क्या भविष्य में AI इंसानों की अहमियत कम कर देगा। इस संदर्भ में टाटा टेलीकम्युनिकेशंस के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि भले ही कस्टमर केयर इंडस्ट्री धीरे-धीरे AI पर शिफ्ट हो रही है, लेकिन कॉन्टैक्ट सेंटर्स में इंसानों की भूमिका बनी रहेगी।
AI के साथ इंसानों की भूमिका क्या होगी?
टाटा टेलीकम्युनिकेशंस के कस्टमर इंटरेक्शन सूट के प्रमुख, मॉरो कारबीन ने कहा कि भविष्य में कस्टमर सर्विस इंडस्ट्री में इंसानों का फोन उठाने और जवाब देने का काम सीमित हो जाएगा। इसकी जगह AI-ऑटोमेटेड सिस्टम ले लेंगे, जो ज्यादातर समस्याओं को खुद हल कर सकेंगे। हालांकि, जहां AI सिस्टम असफल होगा, वहां मामला इंसानों को सौंपा जाएगा।
AI के युग में इंसान की अहमियत बरकरार
टाटा टेलीकम्युनिकेशंस के अनुसार, AI के युग में भी इंसान समस्या समाधानकर्ता (Problem Solver) की भूमिका में रहेगा। हालांकि, उसका काम ऑब्जर्वर (Observer) के रूप में अधिक होगा और वह सीधे सभी कार्यों में शामिल नहीं होगा।
AI की दुनिया में कड़ी प्रतिस्पर्धा
इस समय AI के क्षेत्र में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है। OpenAI का ChatGPT और Google का Gemini AI सबसे लोकप्रिय मॉड्यूल हैं। इन कंपनियों ने हाल ही में अपने एडवांस्ड वर्जन लॉन्च किए हैं, जिनका फोकस ‘एजेंटिक एरा’ पर है। यह ऐसे AI सिस्टम विकसित करने की दिशा में काम कर रहे हैं, जो इंसानों की तरह खुद फैसले लेने में सक्षम होंगे।
Google ने अपने Gemini के नए वर्जन में सटीक और अधिक प्रभावी जानकारी देने पर जोर दिया है। वहीं, चीन भी ओपन-सोर्स टेक्नोलॉजी पर आधारित कई AI मॉड्यूल विकसित कर रहा है, जो वैश्विक AI प्रतिस्पर्धा में शामिल हो रहे हैं।