विदेश सचिव विक्रम मिस्री भारत और चीन के बीच विदेश सचिव-उप-मंत्री तंत्र की बैठक के लिए रविवार से चीन की दो दिवसीय यात्रा पर होंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कल शाम नई दिल्ली में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि विदेश सचिव चीन में अपने समकक्ष उप-मंत्री से मिलेंगे, जहां द्विपक्षीय हितों के सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
बांग्लादेश सीमा पर बाड़ लगाने के बारे में मीडिया के सवालों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा पर बाड़ लगाने के लिए कई समझौते हुए हैं। सीमा पर बाड़ लगाना इसलिए ज़रूरी है ताकि अपराध संबंधी घटनाओं को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि भारत चाहता है कि बांग्लादेश के साथ सीमा पर बाड़ लगाने के लिए किए गए समझौतों का भी सकारात्मक रूप से क्रियान्वयन किया जाए। श्री जायसवाल ने कहा कि दोनों देशों के बीच हुए समझौतों के अनुसार सीमा के दोनों ओर बाड़ लगाई जा रही है।
अवैध अप्रवास से जुड़े एक सवाल पर श्री जायसवाल ने कहा कि भारत अवैध अप्रवास के खिलाफ है, खास तौर पर इसलिए क्योंकि यह संगठित अपराध के कई रूपों से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि भारतीयों के लिए, न केवल अमेरिका में बल्कि दुनिया में कहीं भी, अगर वे भारतीय नागरिक हैं और वे तय समय से ज़्यादा समय से रह रहे हैं या वे उचित दस्तावेज़ों के बिना किसी विशेष देश में हैं, तो भारत सरकार उन्हें वापस लेगी, बशर्ते कि वे विदेश मंत्रालय के साथ दस्तावेज़ साझा करें, ताकि यह सत्यापित किया जा सके कि वे वास्तव में भारतीय हैं।
टैरिफ मुद्दे पर, श्री जायसवाल ने कहा, भारत-अमेरिका संबंध बहुत मजबूत, बहुआयामी हैं और आर्थिक संबंध कुछ ऐसे हैं जो बहुत खास हैं। उन्होंने कहा, अमेरिका और भारत के बीच किसी भी मामले या व्यापार मामलों पर चर्चा करने के लिए स्थापित तंत्र हैं। भारत का दृष्टिकोण हमेशा मुद्दों को रचनात्मक तरीके से संबोधित करना रहा है जो दोनों देशों के हितों को ध्यान में रखते हुए है। उन्होंने कहा कि भारत अमेरिकी प्रशासन के साथ निकट संपर्क में रहता है।
ब्रिटेन में फिल्म इमरजेंसी की स्क्रीनिंग के दौरान बाधा उत्पन्न किए जाने के बारे में पूछे गए एक सवाल पर श्री जायसवाल ने कहा कि मंत्रालय ने विभिन्न रिपोर्ट देखी हैं कि किस तरह कई हॉल में प्रदर्शित की जा रही फिल्म ‘इमरजेंसी’ को बाधित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने लगातार ब्रिटेन सरकार के समक्ष भारत विरोधी तत्वों द्वारा हिंसक विरोध और धमकी की घटनाओं के बारे में चिंता जताई है। प्रवक्ता ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को चुनिंदा रूप से लागू नहीं किया जा सकता है और इसमें बाधा डालने वालों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि ब्रिटेन की ओर से जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। श्री जायसवाल ने कहा कि लंदन में भारतीय उच्चायोग सुरक्षा और लाभ के लिए समुदाय के सदस्यों के साथ नियमित रूप से संपर्क में है।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत का रुख हमेशा से एक जैसा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत शांति के पक्ष में है और वह बातचीत और कूटनीति के जरिए संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है। श्री जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है और युद्ध के मैदान में कोई समाधान नहीं है।