जम्मू, 28 जनवरी। सुरक्षाबलों ने मंगलवार को नियंत्रण रेखा के पास ऊंचाई वाले इलाकों और जंगली इलाकों में करीब दो दर्जन जगहों पर बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया है। पिछले साल जम्मू संभाग के विभिन्न जिलों में कई हमले करने वाले आतंकवादियों की गतिविधियों को देखते हुए यह अभियान चलाया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि 2021 से राजौरी और पुंछ के जुड़वां सीमावर्ती जिलों में घातक हमले करने के बाद आतंकवादियों ने पिछले साल जम्मू क्षेत्र के छह अन्य जिलों में अपनी गतिविधियां फैलाई, जिसमें 18 सुरक्षाकर्मियों और 13 आतंकवादियों सहित 44 लोग मारे गए। हालांकि, राजौरी और पुंछ के पीर पंजाल जिलों में पिछले वर्षों की तुलना में 2024 में आतंकवादी गतिविधियों में काफी गिरावट देखी गई, लेकिन अप्रैल-मई के बाद से रियासी, डोडा, किश्तवाड़, कठुआ, उधमपुर और जम्मू में घटनाओं की श्रृंखला सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन गई।
अधिकारियों ने बताया कि 23 स्थानों पर तलाशी अभियान चल रहा है। सबसे अधिक चिनाब घाटी के किश्तवाड़, डोडा और रामबन जिलों में 10 स्थानों पर, राजौरी-पुंछ जिलों में सात स्थानों पर और उधमपुर में तीन, रियासी में दो और जम्मू जिले में एक स्थान पर तलाशी अभियान चलाया गया है। उन्होंने कहा कि घने जंगलों में पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के साथ तालमेल में सेना के इन तलाशी अभियानों का उद्देश्य जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद फैलाने वाले पाकिस्तानी आकाओं के प्रयासों को विफल करना है।
उन्होंने कहा कि गर्मियों की शुरुआत से पहले आने वाले महीनों में क्षेत्र के वर्चस्व के साथ-साथ तलाशी अभियान और तेज कर दिए जाएंगे। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले साल डोडा, कठुआ और रियासी जिलों में नौ-नौ हत्याएं दर्ज की गईं। मृतकों में 18 सुरक्षाकर्मी और 13 आतंकवादी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि आतंकवादियों के हाथों मारे गए 14 नागरिकों में से सात शिव खोडी मंदिर से लौट रहे तीर्थयात्री और तीन ग्राम रक्षा गार्ड थे। तीर्थयात्रियों की बस पर हुए हमले में स्थानीय चालक और कंडक्टर की भी मौत हुई थी, जबकि उधमपुर और किश्तवाड़ जिलों में ग्राम रक्षा समूह (वीडीजी) सदस्यों को गोली मार दी गई।